‘रोटी, कपड़ा एवं दवा दान
संस्था ने ‘मृत्यु’ की सेवा के बाद जिस क्षेत्र में कदम बढ़ाया वह था ‘भूख’ क्योंकि,
‘‘भूख मौत से बड़ी होती है, सुबह मिटाओ शाम को फिर खड़ी होती है ।’’
इस पीड़ा को समझते हुए संस्था विगत 8 वर्षो से ‘‘रोटी, कपड़ा और दवा दान’’ नामक अनूठा प्रोजेक्ट संचालित कर रही है। संस्था शादी-विवाह, छठी, तेरहवीं तथा अन्य अवसरों पर बचे हुए भोजन केा एकत्रित करती है, तथा जरूरतमंद लोगों कों वितरित कर देती है। संस्था रात 12 बजे तक भोजन एकत्रित करती है, तथा रात 1 बजे तक उसे
रेल्वे स्टेषन में वितरित कर देती है। रात 1-2 बजें केवल वही व्यक्ति भोजन ग्रहण कर सकता है, जिसके पेट में भूख हो। जरूरतमंद लोगों के लिए पत्तल भी ले जाते है, क्योकि उनके पास बर्त न भी नहीं होते है। भोजन ग्रहण करने वाले लोगों में से अधिकांष दुर्घटनाग्रस्त एवं मानसिक रूप से विक्षिप्त होते है। बच्चें जब नूडल्स या मैगी की मांग करते हैं, तो इस प्रोजेक्ट की महत्ता अपने आप समझ आ जाती है। इसी भियान के अंतर्गत पुराने कपड़े भी एकत्रित किए जाते है। झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्र में रने वाले एवं सरकारी अस्पतालों में आने वाले गरीब लोगों के लिए ये पुराने कपड़े भी नए बन जाते है। इस प्रकार बची हुई दवाईयां भी एकत्रित कर धर्मार्थ दवाखानों के माध्यम से जरूरतमंद लोगों तक पहुँचा दी जाती है। इस प्रकार‘‘रोटी, कपड़ा और दवादान’’ अभियान के अंतर्गत अब तक 230000 लोग भोजन ग्रहण कर चुके है।
34000 लोगों को वस्त्र वितरित किए जा चुके है एवं 18 लाख रूपए की दवाईयां वितरित की जा चुकी है।
भोजन और कपड़े भेंट करके उनकी दुर्बलता को कम करना
बढ़ते कदम में, हमने गरीबों के लिए एक मंच बनाने का काम किया है। जरूरतमंदों को भोजन और कपड़े बांटकर हमने जान बचाने की कोशिश की है। हमारे देश ने हमेशा गरीबों की मदद करने के लिए संघर्ष किया है और इसने हमारे प्रयासों को एक महत्वपूर्ण मंच बना दिया है। बादते कदम शादी के कार्यों और जन्मदिन से भोजन इकट्ठा करते हैं ताकि इसे उन लोगों को वितरित किया जा सके जिन्हें इसकी आवश्यकता है। गरीब हमारी मदद पर भरोसा करते हैं और हम उन्हें पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाने के लिए डिस्पोजेबल प्लेटों पर भोजन प्रदान करते हैं।
हम आपसे अपने साथी देशवासियों की मदद करने का आग्रह करते हैं। उनकी पीठ पर कपड़े रखकर और उनकी थाली में भोजन करके, आप उन्हें जीवन का एक नया पट्टा प्रदान करेंगे। आपका योगदान जीवन को बचाने वाला होगा और यह नहीं है कि जीवन क्या है?